सोहराब गेट - मेरठ के नौ दरवाज़ों में से एक दरवाज़ा है जो शाहपीर गेट से कुछ दूरी पर स्थित है। पुराने समय में मुरादाबाद और बरैली से आने वाले मुसाफिर इसी गेट से मेरठ शहर में प्रवेश करते थे। आज भी सोहराब गेट बस डिपो की बसें इसी रूट पर यात्रियों के आवागमन का माध्यम हैं। ये दरवाज़ा सोहराब नाम के एक ज़मींदार ने ३५० वर्ष पूर्व बनवाया था। समय के साथ शहर का विस्तार हुआ और वो शहर की चारदीवारी का अस्तित्व भी समाप्त हो गया परन्तु ये गेट आज भी उस बीते समय का मूकदर्शक है।