मेरठ छावनी में संत जोन्स चर्च के नजदीक 22 एकड़ में फैले इस कब्रिस्तान में हजारों यूरोपीय अधिकारियों और उनके परिवारों की कब्रें हैं जो पिछले 140 वर्षों में मृत्यु को प्राप्त हुए थे। यहां के ग्रेवस्टोन और मकबरे बदलते समय की वास्तुशिल्प को दर्शाते हैं। १८५७ ई० के स्वाधीनता संग्राम में मेरठ में तकरीबन ५० अँगरेज़ मारे गए थे, उनको इसी कब्रिस्तान में दफनाया गया होगा, परन्तु अभी तक इतिहासकार सिर्फ नौ कब्रे ही ढू्ढ पाएं हैं। जिनमे कर्नल जॉन फिन्निश की कब्र भी हैं जो इस क्रांति में मारे जाने वाले पहले ब्रिटिश अफसर थे। कब्रों के अलावा इस कब्रिस्तान में सैकड़ों मेमोरिअल्स भी हैं जो यादगार है उन अंग्रेजी फौजियों की जो १९वी व २०वी शताब्दी में हुई लड़ाइयों में मारे गए। आज भी दुनिया के कोने कोने से लोग अपने पूर्वजों की कब्रों पर श्रद्धांजलि देने यहाँ पर आते हैं