माना जाता है कि मेरठ के होली मोहल्ला में स्थित यह मंदिर आज से करीब 700 वर्ष पूर्व बना था। करोना काल से पहले पुराने शहर के अंदर सबसे अधिक श्रद्धालु इसी मंदिर में उपासना किया करते थे। लॉकडाउन में प्रतिबन्ध के कारण लोगों ने अपने घरों के पास जो मंदिर थे वहां जाना आरम्भ कर दिया। परन्तु धीरे धीरे श्रद्धालुओं की संख्या यहाँ फिर से बढ़ने लगी है क्योंकि माना जाता है कि इस सिद्धपीठ में मांगी जाने वाली कामना अवश्य पूरी होती है। कहा ये भी जाता है की पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बाबा भैरों का सिद्धपीठ मंदिर केवल यही एकमात्र है, इसके अलावा दूसरी सिद्धपीठ बनारस में है।