मेरठ का टाउनहॉल ब्रिटिश काल में १८८६ ई० में बनाया गया था । इसमें एक पुस्तकालय है जिसका नाम लायल लाइब्रेरी था। जो तत्कालीन यूनाइटेड प्रॉविन्सेस के गवर्नर जनरल अल्फ्रेड लायल के नाम पर था। आज़ादी के बाद इसका नाम स्वतंत्रता सेनानी लोक मान्य तिलक के नाम पर तिलक लाइब्रेरी हुआ। टाउनहॉल की आधारशिला डियुक ऑफ़ कनॉट ने रखी थी। घंटाघर के ठीक सामने स्थित टाउनहॉल उस वक़्त की एक महत्वपूर्ण इमारत थी। जिसमे नगर निगम के कार्यालय होते थे और शहर के संचालन से सम्बंधित बैठकें हुआ करती थीं। समय बदला और आज टाउनहॉल इतिहास की एक धरोहर बनकर रह गयी है। नगर निगम यहाँ से हस्तांतरित हो चूका है परन्तु कुछ कार्यालय अभी भी हैं।