मेरठ छावनी में स्थित ये वो बंगला है जो १८५७ में कर्नल कारमाइकल स्मिथ का सरकारी निवास था। कारमाइकल स्मिथ वो किरदार है जिसके कारण मेरठ पहले स्वाधीनता संग्राम का जन्मदाता बना। कारमाइकल स्मिथ थर्ड लाइट कैवेलरी के अंग्रेज कमांडर थे। आरोप लगाया कि २४ अप्रैल १८५७ को सूअर और गाय की चर्बी से बनी ग्रीज़ लगे कारतूस का प्रयोग करने का कारमाइकल द्वारा दिया गया आदेश इस रेजिमेंट के हिन्दू और मुसलमान सैनिकों ने नहीं माना क्योंकि उस आदेश ने उनकी धार्मिक भावनाओं आहत किया था। आदेशों का उलंघन करने के जुर्म में इन ८५ सैनिकों को नौ मई को विक्टोरिया पार्क जेल में डाल दिया गया। इस कार्य ने आग में घी का काम किया। और अगले ही दिन १० मई १८५७ को भारत में पहले स्वाधीनता संग्राम की आग मेरठ से भड़क उठी।