मेरठ रेस कोर्स भारत के सबसे पुराने रेस कोर्स में से एक है, जिसे १८६७ में स्थापित किया गया था, इस रेस कोर्स का एक ख़ास महत्व ये है के इसे देश में कहीं भी सबसे लंबी ८०० मीटर सीधी दौड़ का गौरव प्राप्त है। आज ये रेस कोर्स भारतीय सेना के अधिकार क्षेत्र में है। विद्रोह से पहले यहाँ पर ईस्ट इंडिया कंपनी की ११वी हुए २०वी नेटिव इन्फेंट्री का परेड ग्राउंड था। इन दोनों यूनिट में भारतीय सिपाही थे। यह मेरठ छावनी के सैन्य खंड के भीतर १८५७ के विद्रोह की शुरुआत का स्थल भी था। १० मई १८५७ की शाम को मेरठ छावनी के हिन्दुस्तानी हिस्से में इन दोनों रेजिमेंट्स के सिपाही अपने हथियारों का कब्ज़ा लेने के बाद परेड ग्राउंड में जमा हुए। और जब 11वीं नेटिव इन्फैंट्री के कमांडर कर्नल जॉन फिनिस ने सिपाहियों को नियंत्रित करने की कोशिश की तो उन्हें गोली मार दी गयी थी। कर्नल फिनिस १८५७ के महान विद्रोह में मारे गये पहले यूरोपीय अधिकारी थे।