ये है मेरठ की मशहूर शाही ईदगाह। जो क़ुतुबदींन ऐबक ने 800 साल पहले 1192 ई० के आसपास बनवाई थी। इस ईदगाह की विशेषता यह है कि दीवारों पर नक्काशी या इबारतें कुरेदी नहीं गयी परन्तु यहाँ हर ईंट को अक्षर के रूप में ढाला गया। विशेष शिल्पकरी से एक दुसरे के साथ ऐसे जोड़ा गया के दूर से अरबी की पूरी आयतें पढ़ी जा सकती हैं। माना जाता है कि इस प्रकार की विशेष शिल्पकरी भारत में अन्य कहीं नहीं हैं, और केवल हिन्दुशाही राज्य के पुराने मंदिरों में पायी जाती है जो पाकिस्तान के डेरा इस्माइल खान ज़िले में है। विशेष गारे से बनी यह इमारत 166 फुट लम्बी और इसकी ऊंचाई 42 फुट है। यहा लगभग ३२००० हज़ार लोग नमाज़ पढ़ सकते हैं।