सिद्धपीठ पंचमुखी महादेव मंदिर सराय लाल दास, मेरठ के प्राचीनतम मंदिर में से एक माना जाता है, जिसमे महादेव के पंचमुखी रूप को यहाँ राजा मय ने स्थापित किया था। अनुश्रुती के अनुसार राजा मय ने ही मेरठ शहर बसाया था। इसीलिए मेरठ का आदि नाम मयराष्ट्र था, कालांतर में जो बदलकर मेरठ हो गया। रावण की पत्नी मंदोदरी,मेरठ के राजा मय की ही सुपुत्री थी। सिद्धपीठ पंचमुखी महादेव मंदिर का जीर्णोद्धार कालांतर में मराठाओं ने किया और उनके गुरु यादवगीर ने ढाई गांव की जागीर इस मंदिर को इसकी देखरेख के लिए दान में दी । पुराने शहर के बीचोबीच ६ बीघे में फैले इस मंदिर के प्रांगण में महामाया, माँ भगवती और मनसा देवी के मंदिर भी हैं।यह मन्दिर केवल मेरठ शहर का ही नहीं अपितु सम्पूर्ण पश्चिमी उत्तर प्रदेश का एक महत्वपूर्ण आस्था का केंद्र है।